यास चक्रवात का तांडव शुरू, बंगाल में चेन से बांधी गईं ट्रेन व जलपोत, 112 टीमें 5 राज्यों में की तैनात

New Delhi : नई दिल्ली । रौद्र रूप धारण कर रहे यास चक्रवात को देखते हुए बंगाल और ओडिशा में लाखों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इसके अलावा झारखंड, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और अंडमान निकोबार द्वीप में भी इससे बचाव के लिए तैयारियां तेज कर दी गई हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने पहली बार रिकार्ड संख्या में राहत कार्य के लिए टीमें तैनात की हैं। एनडीआरएफ की कुल 112 टीमें पांच राज्यों में तैनात की गई हैं। 52 टीमें ओडिशा और 45 टीमें बंगाल में तैनात की गई हैं। बाकी अन्य प्रभावित राज्यों में रहेंगी। इसके अलावा 50 टीमों को तैयार रखा गया है।

भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक की मंगलवार को दी गई जानकारी के अनुसार अब चक्रवात बुधवार सुबह ओडिशा के बालेश्वर व भद्रक जिले के बीच स्थित धामरा के निकट तट से टकराएगा। पहले इसे बालासोर में तट से टकराना था। नौसेना ने भी चक्रवात से निपटने की तैयारी कर ली है। बिहार और झारखंड के कुछ हिस्सों में यास को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। समुद्र में दो से चार मीटर की ऊंची लहरें भी उठ सकती हैं। मछुआरों को समुद्र में जाने से मना किया गया है।

तेज हवाओं की आशंका के कारण बंगाल में ट्रेन, विमान व जलपोत को जंजीरों से बांधा गया है। प्रभावित क्षेत्र से आने-जाने वाली ट्रेन रद्द कर दी गई हैं और आक्सीजन प्लांट की सुरक्षा पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है। बंगाल में नौ लाख लोग सुरक्षित स्थान पर पहुंचाए गए बंगाल में नौ लाख लोगों को अब तक सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। वहीं ओडिशा में दो लाख से अधिक लोगों को खतरनाक स्थानों से सुरक्षित निकाला गया है।

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहाकि राज्य में चार हजार से अधिक भोजन केंद्र खोले गए हैं। 74,000 अधिकारियों और कर्मचारियों तथा दो लाख से अधिक पुलिसकर्मियों को राहत व बचाव कार्य में लगाया गया है। जरुरत होने पर सेना की भी मदद ली जाएगी। हर ब्लाक में कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। कोलकाता में भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। उत्तर व दक्षिण 24 परगना, पूर्व मिदनापुर और झाड़ग्राम जिले यास से अधिक प्रभावित हो सकते हैं।

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य के उत्तरी इलाके में स्थिति की निगरानी के लिए गृह राज्य मंत्री डीएस मिश्रा को भेजा है। बालेश्वर, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा व भद्रक जिले में रेड अलर्ट (बहुत भारी बारिश की आशंका) जारी किया गया है और यहां के सभी सरकारी कर्मियों की छुट्टी रद्द कर दी गई है। यास तेजी से अति गंभीर चक्रवात में बदल रहा है। मंगलवार की दोपहर से यह दस किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर पश्चिम की दिशा में बढ़ रहा था। ओडिशा के पारादीप से बंगाल के सागर द्वीप के बीच इसका सबसे अधिक प्रभाव दिखेगा। भद्रक जिले के धामरा व चांदबाली क्षेत्र सर्वाधिक प्रभावित होंगे। भद्रक, बालेश्वर, जगतसिंहपुर और केंद्रपाड़ा में हवा की रफ्तार 150 से 180 किलोमीटर प्रतिघंटा तक होगी।

तूफान के जमीन से टकराने के छह घंटे पहले व छह घंटे बाद का समय सबसे महत्वपूर्ण होगा। दो वर्ष पूर्व पुरी में टकराने वाले फनी चक्रवात की तुलना में यास का प्रभाव कम होगा। हवा की गति फनी से 50 किमी प्रति घंटे कम रहेगी। पुरी समेत अन्य जिलों में भी सतर्कता ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त के अनुसार पुरी, ढेकनाल, नयागढ़, गंजम, जाजपुर और अंगुल जिले से भी लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। विस्थापित लोगों के लिए प्रशासन ने इनके लिए राशन पानी का प्रबंध किया है। एक अधिकारी के अनुसार करीब पांच हजार गर्भवती महिलाओं को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

तटीय जिलों में तेज बारिश का दौर ओडिशा के सभी जिलों में सोमवार शाम से ही बारिश हो रही है। मंगलवार को भी तेज बारिश का सिलसिला जारी रहा। पिछले 12 घंटे के भीतर पारादीप में सबसे अधिक बारिश हुई है। पांच प्रखंडों में पिछले 24 घंटे के दौरान 100 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई है। एनडीआरएफ के अलावा एसडीआरएफ की 60 टीमें, 205 अग्निशमन जवान, 86 पेड़ काटने वाली टीमें और 10,000 बिजली कर्मचारी तैनात किए गए हैं। गुरुवार सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक अस्पतालों, जलापूर्ति व अन्य जरूरी सेवाओं के संस्थानों को छोड़कर कहीं भी बड़े जनरेटर के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है।

झारखंड के कोल्हान क्षेत्र में चक्रवात का सर्वाधिक असर होगा। यहां भी लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है। अस्पतालों को आक्सीजन व दवाओं के अलावा बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए कहा गया है। राज्य में 110 से 120 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है।

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