मुंबई । ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में बिरला परिवार की बर्बादी रोकने के लिए मंजरी के कदम बाहर निकल पड़े हैं। वह एक अच्छी पत्नी की तरह अपने पति हर्ष का साथ देने बिरला अस्पताल पहुंचती है। लेकिन उसके साथ आई अक्षरा उसे ऐसा करने से रोकती है। लेकिन मंजरी उसे खानदान की इज्जत का वास्ता देकर जाने के लिए कहती है।
अक्षरा उसे रोक पाने में नाकाम हो जाती है। तभी वहां अभि आ जाएगा। जो अपनी मां को समझाता है कि आज हर्ष के साथ जाे हो रहा है वो उनके पुराने कर्म और किस्मत की वजह से घट रहा है। इसके लिए वह मंजरी को खुद को दोष न देने की बात कहता है।
बिरला अस्पताल की देहरी पर खड़ी मंजरी का हाथ पकड़कर अभि उन्हें अंदर ले जाता है। तभी वहां उसका सामना नील से होता है। जो उससे सवाल करता है। नील हर्ष को पापा कहकर बुलाता है। यह सुनकर अभि मन ही मन उसे यह रिश्ता न बनाने की बात कहता है। इधर अस्पताल में भगवान की मूर्ति के सामने बैठी मंजरी को रोता हुआ अभि देखेगा। वह उससे कहता है कि आप हमेशा अपनी तकदीर और दर्द को छुपाती रही हो। लेकिन हर्ष ने कभी उसकी फीलिंग नहीं समझी।
अभि को अपना दुखड़ा रोएगी मंजरी : अस्पताल में अभि मंजरी से पूछता है कि उसने हर्ष को कभी गलती करने पर रोकने की कोशिश क्यों नहीं की। जिस पर मंजरी उसे बताती है कि उसने काफी प्रयास किया। यहां तक की अभि का भी वास्ता दिया लेकिन हर्ष ने अपने संबंधों को उस औरत के साथ बनाए रखा। जिसके बाद उसने पूरे परिवार की भलाई के लिए सब कुछ सहन करने का समझौता कर लिया।
अस्पताल से वापिस लौटेंगे मंजरी के कदम : अस्पताल में अभि के समझाने के बाद मंजरी वापिस घर लाैट आती है। वह अस्पताल में न पहुंच पाने को लेकर काफी परेशान होकर घर में बैठ जाती है। जिसके बाद हर्ष गुस्से में घर पहुंचता है जो मंजरी को धमकाता है कि उसने अपने पति की कुर्सी क्यों छीनी। हर्ष मंजरी से कहता है कि उसने उस पर कई एहसान किए। वह मंजरी को छोड़ देने की धमकी देता है। तभी अभि वहां पहुंच जाता है।
अभि ने मां के गले से उतरवाया मंगलसूत्र : हर्ष की धमकियों को सुनकर अभि अपनी मां मंजरी के गले से मंगलसूत्र उतरवा देता है। वह कहता है कि अब मंजरी हर्ष को छोड़ेगी। क्योंकि उसे ऐसे स्वार्थी इंसान के साथ नहीं रहना चाहिए। अभि अपने पिता को सबके सामने खूब सुनाता है। यह सुनकर जब हर्ष जाने लगेगा तो मंजरी उसका हाथ पकड़ लेती है। अभि अपनी मां से हर्ष का तलाक कराने की बात कहता है।
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हर्ष को सपोर्ट देने के लिए अक्षरा आई बीच में : तभी अक्षरा भी वहां आ जाती है जो अभि को चुप कराने की कोशिश करती है। वह अभि के सामने उसके दूल्हा दुल्हन बनी जोड़ी की तस्वीर फाड़कर कहती है कि अगर मां-पापा अलग हुए तो वह भी अलग हो जाएंगे। यह सुनकर अभि खामोश खड़ा रह जाता है।
नील को समझाती है अक्षरा : नील को दुखी देखकर अक्षरा उसे समझाती है कि वह अपना वही पुराने वाला देवर चाहती है। वह नील को नटखट बने रहने के लिए कहती है। अक्षरा उसे समझाती है कि वह उसके लिए खास है और उसे हमेशा खुश रहना चाहिए। वहीं नील अपनी गलती के लिए अक्षरा से माफी मांगता है।
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‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ बिरला अस्पताल में फूटेगा बम..? मंजरी और हर्ष की जिंदगी होगी तबाह!