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zakir khan shayari in hindi

जाकिर खान हिंदी में कॉमेडी करने वाले गिने-चुने सफल Standup Comedian में एक हैं। सिर्फ कॉमेडी ही नहीं जाकिर खान शायरी, कविता, शेर भी लाजवाब लिखते हैं। जाकिर खान के सभी वीडियो YouTube पर लाखों व्यूज पाते हैं।(zakir khan shayari in hindi) 20 अगस्त 1987 को इंदौर, मध्य प्रदेश में जन्में जाकिर के पिता इस्माइल खान एक म्यूजिक टीचर हैं। उनके परिवार के अन्य सदस्य माँ कुलसुम खान और दो भाई जीशान खान, अरबाज़ खान हैं।(zakir khan shayari in hindi)

ज़ाकिर खान की Education : जाकिर खान ने बी.कॉम की पढाई की है, उसके बाद वो Comedian बनने की राह पर चल पड़े। संगीत जाकिर खान को पिता से विरासत में मिला था, खुद जाकिर भी सितार में डिप्लोमा हैं।(zakir khan shayari in hindi)

माना की तुमको इश्क़ का तजुर्बा भी कम नहीं,
हमने भी बाग़ में हैं कई तितलियाँ उड़ाई.

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कामयाबी हमने तेरे लिए खुद को यूँ तैयार कर लिया,
मैंने हर जज़्बात बाज़ार में रख कर इश्तेहार कर लिया..

zakir khan poetry in hindi

लूट रहे थे खजाने मां बाप की छाव मे,
हम कुड़ियों के खातिर, घर छोड़ के आ गए।

कामयाबी तेरे लिए हमने खुद को कुछ यूं तैयार कर लिया,
मैंने हर जज़्बात बाजार में रख कर एश्तेहार कर लिया ।

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zakir khan poetry in hindi

वो कौन है भाई
इस बात का सबसे बड़ा हिस्सा
इस बात का होता है कि
वो कहाँ से आया है

तुम भी कमाल करते हो,
उम्मीदें इंसान से लगा कर
शिकवे भगवान से करते हो

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यूं तो भूले हैं हमें लोग कई, पहले भी बहुत से
पर तुम जितना कोई उन्मे सें , कभी याद नहीं आया।

मेरे घर से दफ्तर के रास्ते में
तुम्हारी नाम की एक दुकान पढ़ती हैं
विडंबना देखो,
वहां दवाइयां मिला करती है।

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zakir khan poems in hindi

बस का इंतज़ार करते हुए,
मेट्रो में खड़े खड़े
रिक्शा में बैठे हुए
गहरे शुन्य में क्या देखते रहते हो?
गुम्म सा चेहरा लिए क्या सोचते हो?
क्या खोया और क्या पाया का हिसाब नहीं लगा पाए न इस बार भी?
घर नहीं जा पाए न इस बार भी?

उसे मैं क्या, मेरा खुमार भी मिले तो बेरहमी से तोड़ देती है,
वो ख्वाब में आती है मेरे, फिर आकर मुझे छोड़ देती है

इश्क़ को मासूम रहने दो नोटबुक के आख़री पन्ने पर
आप उसे किताबों म डाल कर मुस्किल ना कीजिए।

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zakir khan poems in hindi

अब वो आग नहीं रही, न शोलो जैसा दहकता हूँ,
रंग भी सब के जैसा है, सबसे ही तो महेकता हूँ…
एक आरसे से हूँ थामे कश्ती को भवर में,
तूफ़ान से भी ज्यादा साहिल से डरता हूँ…

ज़िन्दगी से कुछ ज्यादा नहीं बास इतनी सी फरमाइश है ,
अब तस्वीर से नहीं, तफ्सील से मिलने की ख्वाइश है…

मेरी औकात मेरे सपनों से इतनी बार हारी हैं के
अब उसने बीच में बोलना ही बंद कर दिया है।
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zakir khan gazal in hindi
हर एक दस्तूर से बेवफाई मैंने शिद्दत से हैं निभाई
रास्ते भी खुद हैं ढूंढे और मंजिल भी खुद बनाई।
वो तितली की तरह आई और जिंदगी बाग़ कर गयी ,
वो तितली की तरह आई और जिंदगी बाग़ कर गयी ,
मेरे जितने भी इरादे नापाक उन्हें  पाक कर गयी
मेरे  इश्क़ से मिली है तेरे हुस्न को ये शोहरत,
तेरा ज़िक्र ही कहां था , मेरी दास्तान से पहले।
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वो अगर हज़ार बार जुल्फें ना संवारे
तो उसका गुजारा नहीं होता
वैसे दिल बहुत साफ है उसका
इन हरकतों का कोई इशारा नहीं होता
इश्क़ किया था
हक से किया था
सिंगल भी रहेंगे तो हक से ।

 

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zakir khan quotes in hindi
ये कुछ सवाल हैं जो सिर्फ क़यामत के रोज पूछूंगा ,
क्योंकि उससे पहले तुम्हारी और मेरी बात हो सके इस लायक नहीं हो तुम
तुम भी कमाल करते हों ,
उम्मीदें इंसान से लगा कर
शिकवे भगवान से करते हो।
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बड़ी कश्मकश में है ये जिंदगी की,
तेरा मिलना मिलना इश्क़ था या फरेब।
दिलों की बात करता है ज़माना,
पर आज भी मोहब्बत
चेहरे से ही शुरू होती हैं।

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