Ganesh Chaturthi 2022 Muhurat Time in Hindi : इस खास मुर्हुत में करें भगवान गणेश की स्थापना, जानें क्या है विधि
Ganesh Chaturthi 2022 Muhurat Time in Hindi

Ganesh Chaturthi 2022 Muhurat Time in Hindi

 बनारस । भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विघ्नहर्ता रिद्धी सिद्धी के दायक भगवान श्रीगणेश का जन्मोत्सव मनाया जाता है। वैसे तो हर माह दो चतुर्थी आते ही हैं। लेकिन भगवान गणेश का जन्मोत्सव भादों की चतुर्थी को होने के कारण यह तिथि बहुत खास मानी जाती है।

अपने घरों में सुख शांति के लिए सभी भक्त भगवान श्रीगणेश की मूर्ति की स्थापना भी शुभ मुर्हुत में करना चाहते हैं। विद्वानों की मानें तो भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि पर शुभ मुहूर्त में घर में गणपति की मूर्ति स्थापित करने से घर में सुख समृिद्ध के साथ वास्तुदोषों से भी छुटकारा मिलता है।(Ganesh Chaturthi 2022 Muhurat Time in Hindi)

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विधि-विधान के साथ श्री गणेश की पूजा काफी लाभकारी होती है। वैसे भी सभी शुभ कार्यों में पहले श्रीगणेश जी को जरुर पूजा जाता है। इनके स्मरण और पूजा मात्र से ही सारे कार्य बिना विघ्नबाधा के होते हैं।

इस बार श्रीगणेश चतुर्थी काफी विशेष योगों के साथ पड़ रही है। इस दिन बुधवार होने से भी यह तिथि काफी खास मानी जा रही है। कई वर्षों बाद बन रहे महायोग के कारण गणेश उत्सव महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जिसमें शुभ मुर्हुत में की गई स्थापना और पूजा अर्चना फलदायी होती है।(Ganesh Chaturthi 2022 Muhurat Time in Hindi)

इस बार गणेश चतुर्थी पर ये रहेगा शुभ महूर्त और योग : ज्योतिषियों के मुताबिक पंचाग मेंभाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 30 अगस्त 2022 को दोपहर के 03 बजकर 34 मिनट पर होगी।

जो 31 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 23 मिनट तक रहेगी। भगवान गणेश जी का जन्म भी मध्याह्न काल में होने की मान्यता है। इस कारण से इसी समय पर गणेश स्थापना और पूजा करना ज्यादा शुभ और लाभकारी होगा।(Ganesh Chaturthi 2022 Muhurat Time in Hindi)

इस बार रहेंगे ये शुभ योग : इस बार गणेश चतुर्थी में जाे शुभ योग बन रहे हैं वो काफी खास हैं। गणेशोत्सव की शुरुआत 31 अगस्त बुधवार के दिन से हो रही है। शास्त्रों में बुधवार का दिन भगवान गणेश का ही माना जाता है।

सामान्यता वैसे भी बुधवार के दिन ही भगवान गणेश की पूजा-आराधना करने का विधान है।(Ganesh Chaturthi 2022 Muhurat Time in Hindi)

ऐसे में चतुर्थी तिथि को भी बुधवार होने ये यह तिथि महत्वपूर्ण हो गई है। जीवन में बाधाओं को दूर करने और सुखों की प्राप्ति के लिए भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस बार गणेश चतुर्थी पर रवि योग का संयोग भी बन रहा है। रवि योग में की जाने वाली पूजा फलदायी रहती है।

रवि योग 31 अगस्त को सुबह 06 बजकर 06 मिनट से लेकर 01 सितंबर की सुबह 12 बजकर 12 मिनट तक रहने वाला है। ज्योतिषियों के मुताबिक गणेश चतुर्थी के दिन चार प्रमुख ग्रह अपनी स्वराशि में मौजूद रहेंगे।

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गुरु अपनी स्वराशि मीन में, शनि मकर राशि में, बुध ग्रह कन्या राशि में और सूर्यदेव स्वराशि सिंह में मौजूद होंगे। यह शुभ संयोग गणेश पूजन को काफी फलदायी बना रहा है।(Ganesh Chaturthi 2022 Muhurat Time in Hindi)

इस तरह करें भगवान गणेश का पूजन : भगवान गणेश का पूजन उनके मंत्र  ऊं गं गणपतये नम: के साथ शुरू करें। इसके बाद चौकी पर आसन बिछाकर गणेश प्रतिमा को रखकर उसके ऊपर जल छिड़के। (Ganesh Chaturthi 2022 Pooja Vidhi)

भगवान गणेश के पूजन में हल्दी, चावल, चंदन, गुलाल, सिंदूर, मौली, दूर्वा, जनेऊ, मिठाई, मोदक, पान, फल, माला और फूल को अर्पित करें।(Ganesh Chaturthi 2022 Muhurat Time in Hindi)

गणेश जी के साथ भगवान शिव पार्वती का पूजन भी फलदायी होता है। इसके बाद धूप-दीप से भगवान गणेश की आरती करें।

21 लड्डओं का भोग लगाएं और दूर्वा जरुर चढ़ाए। जिनमें से कुछ भगवान गणेश की मूर्ति के पास रखें और बाकी प्रसाद के रूप में बांट दें।(Ganesh Chaturthi 2022 Pooja Vidhi)

इन मंत्रों का करें जाप

पूजा करने ले पहले इस मंत्र का जाप करें।

” गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारु भक्षणम्ं। उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम्॥”(Ganesh Chaturthi 2022 mantra)

पूजन के दौरान इस मंत्र का जाप करें

विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धिताय |
नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते ||

ऐसी भगवान गणेश की प्रतिमा होती है शुभ

  • गणेशजी की मूर्ति में उनके हाथों में अंकुश, लड्डू, सूंड घुमावदार और हाथ वरदान देने की मुद्रा में होनी चाहिए। इसके अलावा उनके शरीर पर जनेऊ और उनका वाहन चूहा अवश्य होना चाहिए। साथ में रिद्धि सिद्धि भी विराजमान हों तो काफी अच्छा माना जाता है।
  • भगवान गणेश की प्रतिमा जब भी स्थापित करें तो इस बात का ध्यान रखें कि उनकी मूर्ति खंडित अवस्था में नहीं होनी चाहिए।
  • घर में हमेशा गणेश जी की बैठी हुई मूर्ति की ही स्थापना करना शुभ होता है। जबकि दुकान, व्यापार संस्थान में खड़े गणेश की मूर्ति अच्छी मानी जाती है। क्योंकि व्यापार संस्थान में हम हमेशा क्रियाशील रहते हैं। ऐसे में वहां बैठे की जगह खड़े गणेश की मूर्ति शुभ रहेगी।

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