Gangubai Kathiawadi Movie Review in Hindi
नई दिल्ली : एक आम बॉलीवुड मसाला मूवी में कुछ फैक्टर जरूरी होते हैं. एक हीरो, एक हीरोइन, एक विलेन और अच्छा सा क्लाइमेक्स. क्लाइमेक्स पर फोकस इसलिए क्योंकि पूरी फिल्म बुनते-बुनते डायरेक्टर अक्सर गलती करते हैं कि क्लाइमेक्स पर ध्यान नहीं देते, जो पूरी मूवी का निचोड़ होता है और दर्शक के लिए एक तरह का ‘टेक अवे’,
यानी वो क्लाइमेक्स देखने के बाद अपनी अंतिम राय मूवी के बारे में बनाता है और अपने मिलने वालों को बताता है कि मूवी कैसी थी. संजय लीला भंसाली की इस मूवी में तीन-तीन हीरो होने के बावजूद कोई हीरो नहीं है, आलिया भट्ट ही हीरो हैं और वही हीरोइन.
Gangubai Kathiawadi Movie Story in Hindi
दूसरे कोई विलेन भी नहीं है, विजय राज पहले विलेन लगते हैं, लेकिन वो छोटे स्तर के विलेन साबित होते हैं, तीसरे मूवी का कोई क्लाइमेक्स ही नहीं है, था भी तो सेंसर बोर्ड ने एक ऐसा सीन काट दिया, जिसकी लोग चर्चा करते.
यूं भी ये मूवी संजय लीला भंसाली के लिए एक बड़ा रिस्क है, क्योंकि कहां वो ‘बाजीराव मस्तानी’, ‘पद्मावत’ और ‘रामलीला’ जैसी मूवीज रणवीर-दीपिका जैसे सुपरस्टार कपल के नाम पर बनाते रहे और कहां बिना हीरो के अकेली आलिया भट्ट. (Gangubai Kathiawadi Movie Review in Hindi)
क्या है फिल्म की कहानी?
ये कहानी है गुजरात के काठियावाड़ में पली बढ़ी गंगा हरजीवन दास काठियावाड़ी की. गंगा के पिता बैरिस्टर होते हैं. गंगा एक अच्छे परिवार से ताल्लुक रखती है. हालांकि, 16 साल की उम्र में गंगा इश्क में पड़ जाती है.
वो भी अपने पिता के साथ काम करने वाले रमणिक के साथ. नौवीं क्लास तक पढ़ी गंगा एक दिन अपने अभिनेत्री बनने के सपने को पूरा करने के लिए रमणिक के साथ गुजरात से मुंबई भाग जाती है. वो रमणिक ही होता है
Gangubai Kathiawadi Movie Story in Hindi
जो उसे मुंबई में अभिनेत्री बनने के सपने दिखाता है और उसे अपने प्यार के जाल में फंसाकर मुंबई ले आता है. यहां वह मात्र 1000 रुपये में गंगा को कमाठीपुरा की उन गलियों में बेच देता है, जहां पर हर रोज कई महिलाओं के जिस्म का सौदा होता है.(Gangubai Kathiawadi Movie Review in Hindi)
पहले तो गंगा इस सच को मानने को तैयार नहीं होती कि उसे बेच दिया गया है, लेकिन हालात से समझौता करने के बाद वह गंगा से कमाठीपुरा की सेक्स वर्कर गंगू बन जाती है और फिर गंगू से गंगूबाई. हालांकि,
Gangubai Kathiawadi Movie Story in Hindi
गंगू के जीवन में बदलाव तब आता है, जब उसकी जिंदगी में एंट्री होती है डॉन करीम लाला की. करीम लाला को गंगूबाई अपना भाई मान लेती है और करीम लाला गंगू को अपनी बहन. करीम लाला के दम पर कमाठीपुरा पर गंगूबाई का राज होता है.
गंगूबाई सेक्स वर्कर्स को समाज में इज्जत दिलवाने और अपने कानूनी अधिकारों के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ती है. इसके लिए वह देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से भी जा मिलती है.(Gangubai Kathiawadi Movie Review in Hindi)
gangubai kathiawadi movie rating
कास्ट : | आलिया भट्ट, शांतनु महेश्वरी, वरुण कपूर, विजय राज, सीमा पाहवा, इंदिरा तिवारी, जिम सर्भ और अजय देवगन |
निर्देशक : | संजय लीला भंसाली |
स्टार रेटिंग : | 3.5/5 |
कहां देख सकते हैं : | थिएटर्स में |
रिव्यू /gangubai kathiawadi movie critics review in hindi
गंगूबाई पर जो किताबों में लिखा है और जो इंटरनेट पर पटा पड़ा है, वो कहानी अपने आप में बहुत कुछ कहती है.
बड़े पर्दे पर गंगूबाई की उस दर्दभरी और रौंगटे खड़े कर देने वाली कहानी को दर्शाने में संजय लीला भंसाली नाकाम रहे हैं. (Gangubai Kathiawadi Movie Review in Hindi)
असल किरदार पर बनने वाली कहानी को जितना प्रभावित होना चाहिए, वो संजय लीला भंसाली अपनी इस फिल्म में नहीं दिखा पाए.
गंगूबाई की कहानी को सिर्फ कह दिया गया है, वो भी उतना ही जितना हुसैन जैदी ने अपनी किताब में लिख दिया है. अगर किसी ऐसे शख्स पर फिल्म बनाई जाती है, जो असल किरदार है, तो उसपर रिसर्च होना बहुत महत्वपूर्ण होता है.
gangubai kathiawadi movie critics review in hindi
ये फिल्म का सबसे बड़ा नेगेटिव पॉइंट है कि गंगूबाई के गंगा से गंगू बनने तक के सफर को प्रभावी तरीके से दर्शाने के लिए ज्यादा रिसर्च नहीं की गई. (Gangubai Kathiawadi Movie Review in Hindi)
अगर मेकर्स चाहते तो गंगूबाई के बचपन और उसके परिवार संग उसके रिश्ते को भी दर्शा सकते थे, ये फिल्म को एक मजबूती देता कि कैसे गंगा ने अपने परिवार को छोड़ने का फैसला लिया. गंगा जिसके साथ भागती है, उसे कहानी में एकदम से एंटर करा दिया,
न ये दिखाया कि गंगा और रमणिक कैसे एक दूसरे के करीब आए. गंगा और रमणिक की लव स्टोरी को थोड़ा और अच्छे से दर्शाया जा सकता था.(Gangubai Kathiawadi Movie Review in Hindi)
इसके बाद जब गंगा कमाठीपुरा पहुंची, तब उसके साथ क्या-क्या हुआ शुरुआत में ये भी फिल्म से गायब दिखा. फिल्म की छोटी-छोटी चीजें ऐसी रहीं, जिनपर काम किया जा सकता था. गंगूबाई और डॉन करीम लाला के रिश्ते को भी और खूबसूरती के साथ पेश किया जा सकता था,
gangubai kathiawadi movie critics review in hindi
लेकिन मेकर्स इसमें भी नाकाम दिखे. सबसे बड़ी फिल्म में कमी तो यही दिखी कि हम असल में गंगूबाई के बारे में जान ही नहीं पाए कि आखिर गंगा कौन थी,
उसका व्यवहार कैसा था, उसके आसपास के लोग उसके बारे में क्या सोचते थे, उसका बचपन कैसा था?(Gangubai Kathiawadi Movie Review in Hindi)
फिल्म देखनी चाहिए या नहीं?
फिल्म की जान अगर कोई है तो वो बिल्कुल आलिया भट्ट हैं. आलिया भट्ट को बड़े पर्दे पर देखकर साफ झलकता है कि उन्होंने गंगूबाई के किरदार के लिए काफी मेहनत की है. आलिया भट्ट ने शानदार एक्टिंग की है.
इतना ही नहीं, आलिया भट्ट की आवाज में एक बदलाव भी दिखा. रौब दिखाने के लिए आलिया ने जिस तरह से दमदार आवाज में डायलॉग डिलीवरी की है, वो कमाल है.
gangubai kathiawadi movie critics review in hindi
आलिया के अलावा सीमा पाहवा, विजय राज और शांतनु मिश्रा व अन्य सह-कलाकारों का अभिनय भी जबरदस्त रहा है. हालांकि, अजय देवगन इन सभी के आगे थोड़े फीके नजर आए हैं.(Gangubai Kathiawadi Movie Review in Hindi)
वहीं, निर्देशन की बात करें, तो संजय लीला भंसाली की इस फिल्म में मजा नहीं आया. संजय लीला भंसाली ने पहली बार किसी बायोपिक को बनाने की कोशिश की, लेकिन वह इसमें हमें तो असफल दिखाई दिए.
फिर वो चाहे रिसर्च में हों या फिर निर्देशन और कहानी में. ये फिल्म दर्शकों को बांधे रखेगी इसपर कुछ नहीं कहा जा सकता. हालांकि, संजय लीला भंसाली की एक तारीफ करनी होगी कि उन्होंने फिल्म के गानों का म्यूजिक अच्छा दिया है.
फिल्म के दो गाने हमें बहुत पसंद आए हैं, जिनमें एक ‘ढोलिड़ा’ है और दूसरा है ‘जब सईयां’. ये दोनों ही गाने फिल्म की जान हैं.(Gangubai Kathiawadi Movie Review in Hindi)
वैसे तो गंगूबाई पर किताब लिखी जा चुकी है, लेकिन अगर आप किताबों के शौकीन नहीं हैं, लेकिन गंगूबाई की कहानी से रूबरू होना चाहते हैं,
तो आप आलिया भट्ट की फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ जरूर देख सकते हैं. अगर आप गंगूबाई के बारे में तसल्ली से जान चुके हैं, तो आप इस फिल्म को देखना स्किप भी कर सकते हैं.(Gangubai Kathiawadi Movie Review in Hindi)
खटकती है ये बात
ऐसे में दर्शकों की नजर में वो नायिका के तौर पर, एक दमदार किरदार के तौर पर नहीं उभरती. फिर बार-बार ये बताया गया है कि वो कमाठीपुरा की लड़कियों के भले के लिए इतने बड़े काम कर रही है कि प्रधानमंत्री तक उसके बारे में जानते थे.
Lets do this!! #AskAlia
See you soon🌙🤍 pic.twitter.com/Y8b2hSo7BI— Gangubai🤍🙏 (@aliaa08) February 23, 2022
व्यक्तिगत तौर पर चुनाव जीतने के लिए उसने दो या तीन लड़कियों की मदद की, मूवी में बस यही दिखाया गया. कमाठीपुरा की प्रेसीडेंट होने के नाते स्कूल वालों ने उसे निशाना बनाया और उसने केवल बोलकर विरोध किया, लेकिन ना कोई प्रदर्शन किया,
gangubai kathiawadi movie critics review in hindi
ना ही कोई मोर्चा निकाला और ना ही कोई वकील किया, जो कोर्ट में उनका केस लड़ सके, तो ऐसे क्या उसने काम किए जिससे पीएम उसे जान गए थे,
किसी के निमंत्रण पर एक कार्यक्रम में भाषण के सिवा. अपने कोठे की कुछ बच्चियों को स्कूल में एडमिशन दिलाते और कुछ का बैंक खाता खोलने की तैयारी करते जरूर दिखाया था.(Gangubai Kathiawadi Movie Review in Hindi)
आलिया के कंधों पर टिकी फिल्म
ऐसे में जो काम दीपिका, रणवीर और शाहिद के जिम्मे था, वो अकेली आलिया के कंधों पर डाल दिया गया, वो भी तब जब किरदार दमदार नहीं लगता. या तो असलियत के ज्यादा करीब लाने के लिए भंसाली ने उसे ताकतवर नहीं दिखाया.
लेकिन आपने ‘बाजीराव मस्तानी’ में बाजीराव को योद्धा कम रोमांटिक ज्यादा दिखाया था, आपने गंगूबाई का ड्रग पैडलर रूप गायब करके उसे बस शराब स्मगलर ही दिखाया.
ऐसे में गंगूबाई को दमदार दिखाने में क्या बुरा था? जाहिर है ऐसे में संजय लीला भंसाली के लिए ये मूवी बड़ा रिस्क है. जो हसन जैदी की किताब ‘माफिया क्वीन्स ऑफ मुंबई’ पर बनाई गई है.(Gangubai Kathiawadi Movie Review in Hindi)
Also Read : gangubai kathiawadi biography in hindi